'भूमि अधिग्रहण बिल पारित नहीं करने देंगे' 

Update: 2016-02-16 00:00 GMT

पंच-सरपंच सम्मेलन में सांसद सिंधिया ने कहा

शिवपुरी |  जनपद पंचायत शिवपुरी द्वारा आयोजित पंच सरपंच सम्मेलन में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केन्द्र सरकार पर करारे हमले बोले। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या यह अच्छे दिन हैं कि सरकार ने पंचायती राज की प्रासांगिकता को कचरे के ढेर में फेंक दिया है। दलित, आदिवासी कल्याण योजनाओं का सरकार ने कत्लेआम किया है। वहीं किसानों के हकों पर कुठाराघात करने वाले भूमि अधिग्रहण बिल को पारित करने का कुचक्र चल रहा है, लेकिन 545 के सदन में भले ही कांगे्रस सदस्यों की संख्या 45 हो, लेकिन हम 290 सदस्यीय भाजपा को भूमि अधिग्रहण बिल पारित नहीं करने देंगे।
उक्त उद्गार पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सम्मेलन में मुख्य अतिथि की हैसियत से व्यक्त किए। कार्यक्रम में राजीव गांधी पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान के राष्ट्रीय समन्वयक संजय नायक भी उपस्थित थे। समारोह के मंचासीन अतिथियों में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कमला-बैजनाथ सिंह यादव, जनपद पंचायत शिवपुरी के अध्यक्ष पारम रावत, उपाध्यक्ष अशोक ठाकुर, जनपद पंचायत बदरवास के उपाध्यक्ष रामवीर सिंह यादव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव, नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह आदि शामिल थे। प्रारंभ में कार्यक्रम के आयोजक जनपद अध्यक्ष पारम रावत ने मुख्य अतिथि श्री सिंधिया सहित आमंत्रित अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत भाषण दिया।
समारोह में ज्योतिरादित्य सिंधिया स्वागत कार्यक्रम की औपचारिकता के बाद एक-एक पंचायत प्रतिनिधियों की टेबिल पर गए और उनके हालचाल पूछे। सरपंच और जनप्रतिनिधियों ने श्री सिंधिया का माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया। इसके बाद श्री सिंधिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को संगठित होकर अपने हकों की लड़ाई लडऩी चाहिए। उन्होंने पंचायती राज की मंशा को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसके जरिये राजनैतिक विकेन्द्रीकरण के साथ-साथ आर्थिक विकेन्द्रीकरण भी होता है। उन्होंने रोजगार गारंटी योजना, ग्रामीण विद्युतीकरण, मनरेगा जैसी तमाम योजनाओं को गिनाते हुए कहा कि वर्तमान मोदी सरकार ने इन्हें कचरे के ढेर में फेंक दिया है। पंचायत प्रतिनिधि जब अपने हक की लड़ाई लडऩे के लिए मैदान में आते हैं तो उन पर लाठियां चलाकर दमन किया जाता है। कांग्रेस शासन काल में पंचायती राज के लिए मनमोहन सिंह सरकार ने करोड़ों रूपये का बजट आबंटित किया, लेकिन मोदी सरकार ने यह बजट घटाकर मात्र छह करोड़ कर दिया है जबकि देशभर में छह लाख गांव हैं। अपने उद्बोधन में विधायक रामसिंह यादव ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार ने सारी सीमाएं लांघ दी हैं।
सरपंच दुखी हैं और अधिकारी उनका शोषण कर रहे हैं। कार्यक्रम में बैजनाथ सिंह यादव, संजय नायक, परम रावत, अशोक ठाकुर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन गिरीश मिश्रा ने किया।

हम पर जुल्म आप करा रहे हैं महाराज: योगेन्द्र रघुवंशी
कार्यक्रम में उस समय सनसनी फैल गई जब जिला पंचायत सदस्य योगेन्द्र रघुवंशी ने अपने उद्बोधन में यह कह दिया कि महाराज हम पर जुल्म आप करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि महाराज के नेतृत्व के बिना प्रदेश में कांंग्रेस का सत्ता में आना संभव नहीं है फिर वह नेतृत्व की कमान क्यों नहीं संभालते। जनपद उपाध्यक्ष अशोक ठाकुर ने कहा कि लोकतंत्र में जनता भगवान होती है और जब जनता दवाब डालेगी तो महाराज को नेतृत्व संभालना ही होगा। समारोह में सबसे पहले प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व सिंधिया को सौंपे जाने की पैरवी जनपद अध्यक्ष पारम रावत ने की। उन्होंने कहा कि वक्त का तकाजा है कि महाराज प्रदेश का नेतृत्व संभालें और भाजपा को सत्ता से बाहर करें। विधायक रामसिंह यादव, जनपद उपाध्यक्ष रामवीर सिंह यादव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि सिर्फ महाराज ही कांग्रेस को सत्ता में ला सकते हैं। जनपद अध्यक्ष पारम रावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि कांग्रेस में नेतृत्व चुनाव के पूर्व घोषित करने की परम्परा नहीं है, लेकिन अनुभवों को देखते हुए प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व घोषित किया जाना चाहिए और सिंधिया के अलावा कोई भी नेता कांग्रेस को सत्ता में लाने में सक्षम नहीं है।

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